प्रेस व श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय , पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश के शिक्षक संघ (suta)की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (सूटा) की सामान्य बैठक ऋषिकेश परिसर में आयोजित हुई । जिसमें ऋषिकेश परिसर के शिक्षकों से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर व्यापक चर्चा की गयी।संघ द्वारा इस बात पर घोर असंतोष व्यक्त किया गया कि राजकीय महाविद्यालय से समायोजित होने के 3 वर्ष बाद भी समायोजन के समय शासनादेश में उल्लेखित अनेक विषयों पर विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक कुछ भी ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने से संघ द्वारा प्रबल रोष प्रकट किया गया।शिक्षकों की आमसभा में उठाए गए प्रमुख मुद्दोंमें प्रयोगात्मक परीक्षाओं में पारिश्रमिक का भुगतान न होने पर आगामी सत्र से प्रयोगात्मक परीक्षाओं का सामूहिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया ।प्रायः देखने मे आया है कि विश्वविद्यालय द्वारा अधिकांश दायित्व या कार्यों को मौखिक आदेश के रूप में ही दिया जाता है ।संघ द्वारा इस बात पर आपत्ति व्यक्ति की गई और भविष्य में लिखित आदेशों पर ही अनुपालन करने का निर्णय लिया गया। शैक्षिक परिषद और आरडीसी की बैठकों में सभी सदस्यों को स्टिंग चार्ज का प्रावधान देने की मांग संघ द्वारा की गई ।विश्वविद्यालय द्वारा गठित विभिन्न समितियां में तीनों संकायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय से मांग की गई है ।विभिन्न बैठकों में शामिल होने वाले प्राध्यापकों को नियमानुसार यात्रा तथा देयक के भुगतान का स्पष्ट उल्लेख होने की दशा में ही प्राध्यापक इन बैठकों में शामिल होंगे।शिक्षकों से संबंधित समस्याओं को उचित मंच प्रदान करने के लिए दडीन ऑफ फैकल्टी अफेयर्स के पद का सृजन करने की मांग विश्वविद्यालय से की गई ।इसके साथ ही इस तथ्य पर व्यापक सहमति बनी कि विश्वविद्यालय के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा या किसी अन्य के द्वारा शिक्षकों की सम्मान और गरिमा को उसके आचार व्यवहार द्वारा यदि ठेस पहुंचाई जाती है तो संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा।कुल सचिव के कार्य प्रणाली और उनके शिक्षकों के प्रति व्यवहार को लेकर भी संघ द्वारा रोष व्यक्त किया गया। विश्वविद्यालय परिसर में कार्यरत ऐसे शिक्षकों को जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम तथा करियर एडवांसमेंट का लाभ दिया जाना है ऐसे प्रकरण पर विश्वविद्यालय द्वारा धीमी प्रगति पर शिक्षक संघ ने नाराजगी व्यक्त की है ।ऐसे विभाग जिनमें मात्र एक ही प्राध्यापक कार्यरत हैं ऐसे में उन पर अत्यधिक कार्य के दबाव होने तथा प्राध्यापकों की आस्थाई /स्थायी नियुक्ति न होने पर संघ ने चिंता व्यक्त की है।इसके साथ ही संघ की बैठक में सर्वसम्मत से यह निर्णय लिया गया कि यदि इन विभिन्न विषयों पर समय रहते विश्वविद्यालय द्वारा ठोस निर्णय न लिया गया तो संघ लोकतांत्रिक तरीके से कड़ा प्रतिरोध करेगा।इस बैठक में शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर एन के शर्मा ,सचिव ए पी दुबे , उपाध्यक्ष प्रोफेसर कल्पना पंत,डॉक्टर हेमंत सिंह ,कोषाध्यक्ष प्रोफेसर बी एन गुप्ता, संयुक्त सचिव श्री कृष्णा नौटियाल, कार्यकारी सदस्य प्रोफेसर दीप शर्मा तथा श्री पुष्कर गौड़ सहित संघ के सभी सदस्य उपस्थित रहे।