उत्तराखंड में 26 जनवरी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने की संभावना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसकी घोषणा कर सकते हैं। विधायी विभाग में नियमावली का परीक्षण चल रहा है। इसके तहत विवाह लिव-इन रिलेशनशिप और वसीयत जैसी सेवाओं के लिए पंजीकरण शुल्क तय किया जाएगा। यूसीसी लागू होने के बाद हलाला इद्दत बहु-पत्नी प्रथा प्रतिबंधित होगी। गलत जानकारी पर दंड और जुर्माने के प्रावधान हैं

नई दिल्ली। प्रदेश में समान नागरिक संहिता गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को लागू हो सकती है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसकी घोषणा कर सकते हैं। इसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नियमावली का विधायी विभाग में परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही इसमें विभिन्न प्रकार के आवेदनों के लिए पंजीकरण शुल्क भी तय किया जा रहा है।
यूसीसी लागू होने के बाद कई नियम बदल जाएंगे। लिव इन में रहने वालों को शादी की तरह रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक लगा दी जाएगी। उत्तराखंड में सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता कानून बना चुकी है।
इसे लागू करने के लिए नियमावली भी तैयार हो गई है। इसे विधायी के पास परीक्षण के लिए भेजा गया है। यह देखा जा रहा है कि इसमें किसी भी केंद्रीय कानून का दोहराव न हो। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता को धरातल पर उतारने के लिए ब्लाक स्तर के कार्मिकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए कार्मिकों को चिह्नित कर दिया गया है।
समान नागरिक संहिता को लेकर दिया प्रशिक्षण
उपजिलाधिकारी अबरार अहमद की मौजूदगी में पोखरी विकासखंड सभागार में समान नागरिक संहिता रजिस्ट्रेशन को लेकर ब्लाक कर्मचारियों, नगर पंचायत और तहसील कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें आनलाइन व आफलाइन पंजीयन को लेकर जानकारी दी गई।इस मौके पर मास्टर ट्रेनर उपेंद्र रावत ने बताया कि समान नागरिक संहिता में लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण, लिव इन रिलेशनशिप की शिकायत के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन शिकायत दर्ज करनी होगी। इसके अलावा उन्होंने अन्य जानकारी भी दी। इस मौके पर खंड विकास अधिकारी राजेंद्र बिष्ट, अधिशासी अधिकारी बीना नेगी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी आदि मौजूद रहे।