उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण जमरानी बांध बहुद्देश्यीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना के निर्माण के लिए टाइमलाइन तय कर दी गई है। जमरानी बांध परियोजना को मार्च 2029 तक और सौंग बांध परियोजना को मार्च 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से हल्द्वानी और देहरादून क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता में वृद्धि होगी और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा।

- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनों महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश
- जमरानी बांध परियोजना मार्च 2029 व सौंग बांध परियोजना को मार्च 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य
देहरादून। उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण जमरानी बांध बहुद्देश्यीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना के निर्माण के लिए टाइमलाइन तय कर दी गई है। जमरानी बांध परियोजना को मार्च 2029 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। 3638 करोड़ की इस परियोजना पर अब तक 678 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं।
इसके अलावा सौंग बांध परियोजना पर कार्य चल रहा है, जिसे मार्च 2030 तक पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सिंचाई, लघु सिंचाई एवं ग्रामीण निर्माण विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। इसमें यह अवधि तय की गई। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
जमरानी बांध परियोजना का निर्माण होने पर इससे हल्द्वानी शहर व उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए 117 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) पेयजल की उपलब्धता हो होगी। साथ ही 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। सौंग बांध परियोजना से देहरादून शहर और उपनगरीय क्षेत्रों के लिए वर्ष 2053 तक की अनुमानित आबादी के लिए ग्रेविटी से 150 एमएलडी पेयजल की उपलब्धता होगी।
दोनों परियोजनाओं के आकार लेने पर इन क्षेत्रों में भूजल के बेतहाशा उपयोग पर भी अंकुश लग सकेगा। मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में इन दोनों परियोजनाओं समेत अन्य योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जमरानी और सौंग बांध परियोजनाएं तय समय पर आकार लें, इसके लिए कार्य तेजी से किए जाएं।
जलस्रोतों के संरक्षण को वृहद स्तर पर हो काम
प्राकृतिक जलस्रोतों के संरक्षण-संवर्द्धन के लिए वृहद स्तर पर कार्य करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन और समृद्धि का आधार जल है। इसलिए जल संचय के साथ जलधाराओं और गाड़-गदेरों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में निरंतरता में प्रयास किए जाएं।
भूजल रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने भूजल के रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। साथ ही शहरी क्षेत्रों में सिंचाई, लघु सिंचाई व नगर निकायों को वर्षा जल संचय के लिए मिलकर कार्य करने को कहा। उन्होंने वर्षाकाल में विभिन्न शहरों के ड्रेनेज प्लान के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इन कार्यों के लिए नवाचार पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
सिंचाई नहरों का मिले अधिकतम लाभ
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि सिंचाई नहरों का अधिकतम लाभ लोगों को मिले। उन्होंने सिंचाई विभाग और खनन विभाग को नदियों व जलाशयों में जमा गाद की निकासी के लिए बैठक कर इसका उचित समाधान निकालने को निर्देशित किया।
61 सड़कों पर चल रहा काम
बैठक में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत राज्य में 61 सड़कों पर काम चल रहा है। बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।