
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए चमोली जिपं अध्यक्ष को प्रशासक का चार्ज देने के आदेश नैनीताल। चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को प्रशासक नियुक्त नहीं करने के खिलाफ दायर विशेष अपील पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है। साथ ही राज्य सरकार से कहा है कि उन्हें जल्द प्रशासक का चार्ज दें और उसकी रिपोर्ट एक अप्रैल तक कोर्ट में पेश करें। अब पूरे मामले की अगली सुनवाई एक अप्रैल को होगी।नैनीताल हाईकोर्ट में दायर विशेष अपील में रजनी भंडारी ने कहा है कि जिला पंचायतों का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो गया था। उसके बाद सरकार ने सभी निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक बना दिया, लेकिन उन्हें प्रशासक नहीं बनाया गया। जब उन्होंने इस पर आपत्ति की तो सरकार की ओर से कहा कि उनका मुकदमा हाईकोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए उन्हें प्रशासक नहीं बनाया जा सकता।गुरूवार को को हुई सुनवाई पर रजनी भंडारी की तरफ से कहा गया कि वो हाईकोर्ट के आदेश के बाद बहाल हो गई थीं। बहाली का आदेश आज भी बरकरार ह। जिस पर हाईकोर्ट ने उन्हें जल्द प्रशासक का चार्ज देने के साथ उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है। इससे पहले उनकी ओर से हाईकोर्ट में अपनी बहाली को लेकर याचिका दायर की गई थी।उन पर आरोप था कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट की शिकायत पर पंचायती राज विभाग ने एक आदेश जारी करके उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने साल 2012-13 में नंदा राजजात यात्रा मार्ग पर विकास कार्यों संबंधी निविदाओं में गड़बड़ी की है। ये भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने इस दौरान अपने दायित्व का उचित निर्वहन भी नहीं किया गया।याचिका में ये भी कहा गया था कि एक व्यक्ति की शिकायत पर सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया और अनियमितताओं के आरोप लगाए। उस आदेश को कोर्ट में उनकी ओर से चुनौती दी गई। जिस पर कोर्ट ने रोक लगाते हुए उन्हें बहाली के आदेश जारी किए थे।