आनंद बर्द्धन ने संभाली उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव की जिम्मेदारी, गिनाईं अपनी प्राथमिकताएं

News Desk
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उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने राज्य के विकास के लिए अपनी प्राथमिकताएं साझा की हैं। पलायन वापसी आजीविका कौशल विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हुए वर्द्धन का लक्ष्य राज्य के संसाधनों को बढ़ाना और अवसंरचना विकास को बढ़ावा देना है। शहरीकरण और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार भी प्राथमिकताओं में शामिल हैं। जल संरक्षण और वित्तीय स्थिरता पर भी ध्यान दिया जाएगा।

  1. नवनियुक्त मुख्य सचिव ने सचिवालय में ग्रहण किया पदभार
  2. नौकरशाही को बताया समाज का अंग
  3. कहा- एकदूसरे का सम्मान करना सभी का दायित्व

देहरादून। वर्ष 1992 बैच के IAS आनंद बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में प्रदेश के 19वें मुख्य सचिव के रूप में पदभार संभाल लिया। मुख्य सचिव कार्यालय में निवर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उन्हें कार्यभार सौंपा। इस अवसर पर नवनियुक्त मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि पलायन वापसी, आजीविका, कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर में वृद्धि की सरकार की प्राथमिकताएं हैं। इन्हें धरातल पर उतारा जाएगा।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में आजीविका के संसाधन बढ़ाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। इसके साथ ही अवस्थापना विकास राज्य की प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शहरीकरण तथा राज्य का स्वास्थ्य क्षेत्र भी एक बड़ी चुनौती है। शहरी क्षेत्र तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्हें बेहतर बनाने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए निरंतर कार्य करना होगा।

उन्होंने कहा कि जल संरक्षण भी एक बड़ा मुद्दा है। जल संकट का सामना पूरी दुनिया कर रही है। इन मुख्य मुद्दों पर आम नागरिक के हित में धरातल पर प्रभावी कार्य करने की आवश्यकता है। राज्य की वित्तीय स्थिति के संबंध में उन्होंने कहा कि हमें नए संसाधनों की खोज तथा वर्तमान संसाधनों को बढ़ाने पर निरंतर कार्य करना होगा। इस अवसर पर सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

नए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सशक्त उत्तराखंड प्रदेश सरकार का संकल्प है। इस दिशा में ठोस रोडमैप के साथ आगे कदम बढ़ाए जा रहे हैं। अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तय की गई है।मुख्य सचिव ने कहा कि शहरीकरण तथा राज्य का स्वास्थ्य क्षेत्र भी एक बड़ी चुनौती है। शहरी क्षेत्र तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्हें बेहतर बनाने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए निरंतर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण भी एक बड़ा मुद्दा है। जल संकट का सामना पूरी दुनिया कर रही है।

इन मुख्य मुद्दों पर आम नागरिक के हित में धरातल पर प्रभावी कार्य करने की आवश्यकता है। राज्य की वित्तीय स्थिति के संबंध में उन्होंने कहा कि हमें नए संसाधनों की खोज तथा वर्तमान संसाधनों को बढ़ाने पर निरंतर कार्य करना होगा।

प्रदेश में नौकरशाही की भूमिका और आइएएस एसोसिएशन की ओर से एसोसिएशन के सदस्यों की गरिमा को लेकर लिखे पत्र से संबंधित प्रश्न के जवाब में नए मुख्य सचिव ने कहा कि नौकरशाही समाज का ही अंग है। एकदूसरे का सम्मान करना समाज के सभी पक्षों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में सब मिलजुलकर काम करेंगे और कार्य संस्कृति को बेहतर बनाया जाएगा।उधर, नए मुख्य सचिव के कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। पदभार संभालने के बाद मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिवों, सचिवों समेत सचिवालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। उधर, मुख्य सचिव पदभार ग्रहण करने के बाद आनंद बर्द्धन ने राजभवन जाकर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से भी भेंट की।

कौन हैं आनंद बर्द्धन

आनंद बर्द्धन का जन्म 12 जून, 1967 को हुआ। बिहार में बांका बिहार स्थित कटोरिया उनका गृह नगर है। दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन किया। इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने विशेष योग्यता के साथ फिजिक्स में बीएसएसी आनर्स की उपाधि प्राप्ति की और विश्वविद्यालय में दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने फ्रांस से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी प्राप्त किया। आनंद बर्द्धन का कार्यकाल जून, 2027 तक रहेगा।

अब तक ये रहे हैं मुख्य सचिव 

अजय विक्रम सिंह, मधुकर गुप्ता, डॉ आरएस टोलिया, एम रामचंद्रन, एसके दास, इंदु कुमार पांडे, नृप सिंह नपलच्याल, सुभाष कुमार, एन रविशंकर, राकेश शर्मा, एस रामास्वामी, शत्रुघ्न सिंह, उत्पल कुमार सिंह, ओम प्रकाश, डॉ सुखबीर सिंह संधु एवं राधा रतूड़ी।

राधा रतूड़ी के कार्यों को सराहा

निवर्तमान मुख्य सचिव के कार्यों को सराहाइससे पहले आइएएस एसोसिएशन समेत सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने निवर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी विदाई दी। इस अवसर पर अधिकारियों ने शासन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों के साथ मुख्य सचिव रहते हुए राधा रतूड़ी के योगदान और उनसे मिले मार्गदर्शन के लिए उनकी सराहना की।

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