खालिद के पीछे कौन है दीवाना…पुलिस और आयोग मास्टरमाइंड को दबोचने के लिए बेचैन

News Desk
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र से बाहर पहुंचाने के मामले में सूत्रधार खालिद मंगलवार को पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पिछले दो दिन से उसकी तलाश थी। उसे हरिद्वार से हिरासत में लेकर रात देहरादून लाया गया। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ से साफ हो चुका है कि यह मामला पेपर लीक का नहीं है, बल्कि खालिद की परीक्षा पास कराने के लिए के लिए कुछ लोगों के बीच रची गई साजिश थी।

अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की परीक्षा में बैठा खालिद भले पूरे मामले का सूत्रधार है पर पुलिस और आयोग उस मास्टरमाइंड को दबोचने के लिए बेचैन हैं जिसका नाम दीवाना सामने आया है। ये अलग बात है कि अभी पुलिस को न खालिद का मोबाइल मिला है न ही वह कथित दीवाना।

एसपी जया बलोनी ने बताया कि साबिया के मोबाइल से मिली ऑडियो रिकॉर्डिंग में उस मास्टरमाइंड ने अपना नाम दीवाना ही बताया है। शक है कि उसने ही खालिद के परीक्षा केंद्र में न सिर्फ वह डिवाइस (संभवत: मोबाइल) पहुंचाई जिससे प्रश्नपत्र के स्क्रीन शॉट लिए गए बल्कि जैमर जाम कराने या खालिद को जैमर के रेंज से बाहर रखने में बड़ी भूमिका निभाई। हालांकि यह बड़ी आशंका है कि आरोपी ने साबिया को कॉल के दौरान अपना सही नाम नहीं बताया होगा।

प्रश्न पत्र के तीन पन्नों वाला स्क्रीन शॉट भेजा और जवाब मांगे
वह केंद्र से खालिद के मोबाइल नंबर से ही साबिया से बात कर रहा था। साबिया ने भी सबूत नष्ट करने की कोशिश की : साबिया ने पूछताछ में बताया है कि उसे पता था कि भाई खालिद परीक्षा केंद्र में है, उसका मोबाइल उसके मददगार शख्स के पास था। उस मददगार ने प्रश्न पत्र के तीन पन्नों वाला स्क्रीन शॉट भेजा और जवाब मांगे।

उस दौरान व्हाट्सएप कॉल पर हुई बातचीत में उसने अपना नाम दीवाना बताया।इससे ज्यादा वह उसके बारे में नहीं जानती। उसके बाद साफिया ने वही सवाल आगे सहायक प्रोफेसर सुमन को व्हाट्सएप पर भेजकर जवाब मंगवाए थे।

एसपी जया ने बताया कि बाद में साफिया ने प्रश्न पत्र के फोटो डिलीट फॉर ऑल कर दिए थे, हालांकि सुमन ने उससे पहले उनका स्क्रीनशॉट ले लिया था। इन तथ्यों से जाहिर हुआ कि साफिया साजिश का हिस्सा थी और उसने साक्ष्य भी नष्ट करने की कोशिश की।

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