बारिश की एक बूंद गिरते ही सहम जाते हैं उत्‍तराखंड के इस शहर के लोग, जान हथेली पर रख जीने को मजबूर

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Varunavat Landslide बारिश के मौसम में उत्तराखंड के एक शहर के निवासी भूस्खलन के डर से सहमे हुए हैं। पिछले साल वरुणावत पर्वत से हुए भूस्खलन के बाद से ही यह क्षेत्र लगातार खतरे में बना हुआ है। बजट के अभाव में ट्रीटमेंट और सुरक्षात्मक कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। बारिश की बूंद गिरते ही भूस्खलन क्षेत्र के नीचे बसे लोग सहम उठते हैं।

  1. बीते वर्ष अगस्त माह में वरुणावत पर्वत से हुआ था भूस्खलन
  2. बजट स्वीकृत नहीं होने के चलते शुरू नहीं पा रहा ट्रीटमेंट कार्य
  3. वरुणावत पर्वत से हुए भूस्खलन के ट्रीटमेंट को बढ़ता जा रहा बजट का इंतजार

संवाददाता, उत्तरकाशी। Varunavat Landslide: बीते वर्ष वरुणावत पर्वत से हुए भूस्खलन के ट्रीटमेंट व सुरक्षात्मक कार्यों को बजट का इंतजार बढ़ता रहा है। बजट के अभाव में ट्रीटमेंट और सुरक्षात्मक कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं, इस कारण बारिश की बूंद गिरते ही भूस्खलन क्षेत्र के नीचे बसे लोग सहम उठते हैं। इधर, अधिकारियों का कहना है कि प्रस्ताव का तकनीकी मूल्यांकन हो गया है। उम्मीद है कि जल्द बजट मिल जाएगा।

बता दें कि बीते वर्ष मानसून सीजन के दौरान अगस्त माह में वरुणावत पर्वत के गोफियारा क्षेत्र के ऊपर भूस्खलन सक्रिय हुआ था, जिससे उस दौरान करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक मस्जिद मौहल्ला सहित गोफियारा क्षेत्र के लोग खतरे के साए में जीने को मजबूर हो गए थे।

कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर कराया था शिफ्ट

वहीं, जिला प्रशासन ने खतरे को देखते हुए कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया था। यहां बारिश के दौरान अब भी भूस्खलन का खतरा बरकरार है। बीते जनवरी माह में आए भूकंप के झटकों के दौरान भूस्खलन जोन से भी मलबा व कुछ पत्थर गिरने की बात सामने आयी थी। ऐसे में भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट व सुरक्षात्मक कार्य शुरू नहीं होने से लोग खतरे के साए में ही गुजर-बसर करने को मजबूर हैं।

वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन जोन।

क्षेत्र के इश्तियाक अहमद, सुभाष कुमाईं व प्रकाश भद्री आदि का कहना है कि बारिश के दौरान यहां सभी लोग दहशत में आ जाते हैं। उन्हाेंने शासन-प्रशासन से आगामी मानसून सीजन को देखते हुए जल्द से जल्द वरुणावत पर्वत पर हुए भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट और सुरक्षात्मक उपाय कर आबादी क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
भूस्खलन के बाद तकनीकी समिति ने लिया था जायजा

बीते वर्ष वरुणावत पर्वत से भूस्खलन के बाद प्रशासन के अनुरोध पर टीएचडीसीटीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड), जीएसआई( भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण) और यूएलएमएमसी (उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र) के विशेषज्ञों की समिति ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया था, समिति ने भी प्रशासन से यहां ट्रीटमेंट और सुरक्षात्मक कार्य करवाने की सलाह दी थी।

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