जिलाधिकारियों को दी गई गोसदनों के निर्माण को भूमि चिह्नीकरण की जिम्मेदारी
देहरादून-उत्तराखंड में सड़कों पर घूम रहे 17 हजार से अधिक निराश्रित गोवंश के संरक्षण को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। इसी कड़ी में अगले छह माह के भीतर युद्धस्तर पर गौशालाओं का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही गोवंश की क्षति अथवा उसके प्रति क्रूरता रोकने को प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की बीते शनिवार को हुई समन्वय बैठक में यह निर्णय लिए गए। साथ ही तीनों विभागों में गोवंश संरक्षण से संबंधित कार्यों के लिए एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति के निर्देश भी उच्चाधिकारियों को दिए गए।
यह भी तय हुआ कि तीनों मंत्रियों की समन्वय बैठकें प्रत्येक माह होंगी।शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में घूमने वाले निराश्रित गोवंश के लिए आश्रय स्थल या गोशालाओं के निर्माण की व्यवस्था कराने का जिम्मा पशुपालन विभाग के पास है, जबकि पशुओं को इनमें पहुंचाने की जिम्मेदारी शहरी व ग्रामीण निकायों की है।गोवंश के संरक्षण के लिए तीनों विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें, इसके दृष्टिगत पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने तीनों विभागों के मंत्रियों की बैठक की पहल की। इसी क्रम में बीते शनिवार को विधानसभा भवन के सभागार में तीनों विभागों के मंत्रियों ने विमर्श किया। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गोवंश की रक्षा और निराश्रित गोवंश को सुरक्षित आश्रय प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है। निराश्रित गोवंश को चिह्नित कर गोसदनों में रखा जाएगा। जहां गोशालाएं नहीं बनी हैं, वहां इनका जल्द निर्माण कराया जाएगा।शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि निराश्रित गोवंश को गोसदनों तक लाना महत्वपूर्ण पहल है।
उन्होंने कहा कि गोसदनों के निर्माण को भूमि चिह्नीकरण की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को दी गई है। साथ ही जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे गोवंश के संरक्षण के लिए अन्य मदों से धनराशि का आवंटन करें।उन्होंने विधायकों से भी गोसदनों के निर्माण में विधायक निधि से सहयोग का आग्रह किया।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गोसदनों में गोवंश की देखरेख के दृष्टिगत पशु चिकित्सक निगरानी भी करते रहें।पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने निराश्रित गोवंश को संरक्षण प्रदान करने के लिए पहल की है। सभी विभाग आपसी समन्वय से यह कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हर माह होने वाली तीनों विभागों के मंत्रियों की समन्वय बैठकों में गोवंश के संरक्षण को उठाए गए कदमों की समीक्षा होगी। बैठक में सचिव पशुपालन डा. बीवीआरसी पुरुषोत्तम समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।